sex stories in hindi दोस्तों वो दर्द की वजह से चिल्ला उठी ऊऊइईई माँ मर गई आह्ह्ह ऊऊऊईईई आराम से प्लीज धीरे करो, मुझे बड़ा तेज दर्द हो रहा है। फिर में यह आवाज सुनकर तुरंत ही रुक गया और अब में उसके नरम गुलाबी होंठो को चूमने लगा था, कुछ देर वैसे ही रुककर मैंने दोबारा लंड को चूत के मुहं से मिलाया और एक बार फिर से मैंने एक ज़ोर का झटका लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड कुछ इंच तक अब उसकी कुंवारी चूत के अंदर चला गया, लेकिन उसको अब दर्द बड़ा तेज हो रहा था। फिर में तो वैसे ही वहीं पर रुक गया मैंने लंड को उसकी चूत में कुछ देर के लिए उसी एक जगह पर रोक दिया और कुछ देर रुकने के बाद मैंने उसको शांत देखकर एक बार फिर से एक ज़ोर का झटका लगा दिया। अब मेरा लंड उस कुंवारी चूत में करीब पांच इंच अंदर जा चुका था, लेकिन अब मुझसे बिल्कुल भी रुका नहीं गया और मैंने दूसरा भी ज़ोर का धक्का लगा दिया और वो दर्द की वजह से ज़ोर से चिल्ला गई आईईईई ऊईईईई माँ में मर गई आह्ह्ह ऊऊहह मार डाला प्लीज इसको अब बाहर निकालो वरना में मर ही जाउंगी ऊईईईई आआहह। फिर मैंने उसके पूरे जिस्म को अपने दोनों हाथों से सहलाते हुए उसको शांत करते हुए कहा कि अभी कुछ देर में तुम्हे भी मेरे साथ इस खेल में मज़ा आने लगेगा।
अब में लगातार कभी उसकी चूत को और कभी उसके गोलमटोल बूब्स को सहलाकर उसके दर्द को कम करने की कोशिश करने लगा था। फिर कुछ देर के बाद अब उसको भी दर्द कम होते ही मज़ा आने लगा था, लेकिन मेरा लंड कुछ ज्यादा ही बड़ा मोटा भी था इसलिए चूत के अंदर बाहर और भी धक्के मारने की वजह से उसका दर्द बढ़ता ही जा रहा था, लेकिन अब में नहीं रुक सकता था। दोस्तों मुझे अपने जोश की वजह से किसी की परवा नहीं थी और इसलिए में अब ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा था और वो दर्द की वजह से चिल्लाते हुए बार बार बोलती जा रही थी प्लीज रूको मुझे दर्द हो रहा है, प्लीज रूको मर मर जाउंगी, लेकिन में एक बार भी नहीं रुका। फिर वो भी कुछ देर बाद खामोश हो गई क्योंकि अब उसको भी दर्द कम होने की वजह से मज़ा आने लगा था और वो अपनी कमर को उठा उठाकर मेरा साथ भी देने लगी थी और वो पूरी तरह जोश से मेरा लंड ले रही थी। अब में अपनी पूरी ताकत से अपने लंड को उसकी गीली चूत के अंदर धक्के मार रहा था और वो तो बस अपनी दोनों आँखों को बंद करके आह्ह्ह ऊहहह आइईईई उफफफ्फ़ किए जा रही थी।
फिर में कुछ देर बाद बार बार उसके होंठो के चूमता और उसको प्यार रहता रहा, क्योंकि उसके होंठ कुछ ज्यादा ही नरम थे, इसलिए में बार बार उनको पेप्सी समझकर पी रहा था। मैंने उसके दोनों होंठो को चूस चूसकर सुर्ख लाल कर दिया था। फिर मैंने उसी समय सोच कि क्यों ना फिल्मी अंदाज़ में आज इसकी चूत मारकर मज़े लिए जाए? अब मैंने उसको अपने सामने घोड़ी बनाया और फिर उसकी खुली हुई चूत में पीछे से जाकर मैंने अपना लंबा मोटा लंड जब अंदर डाला। दोस्तों उस समय तो बस उसकी हालत ऐसी हो गई जैसे कि वो अभी मर जाएगी, क्योंकि मेरे लंड का आकार कुछ ज्यादा ही बड़ा था और उसकी वो कुंवारी चूत थी इसलिए पहली बार ऐसा बलशाली लंड लेकर उसका दर्द बर्दाश्त करना उसके लिए कुछ ज्यादा ही मुश्किल था, लेकिन दोस्तों वो लड़की भी कुछ ऐसी थी कि इतना सब सहने के बाद भी अब वो कुछ भी नहीं बोल रही थी। अब मैंने उसको घोड़ी के आसन में उसकी कमर को पीछे से पकड़कर तेज और कभी हल्के धक्के देने शुरू किए और कुछ देर बाद मैंने बहुत ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू किए। दोस्तों उसके कमर पर मेरी पकड़ कुछ इतनी मस्त थी इसलिए मुझे धक्के देने में कुछ ज्यादा ही मज़ा आ रहा था और जब तक में उसको धक्के दे रहा था। उसी समय मैंने मन ही मन में सोचा कि अब किसी और दूसरे आसन में इसकी चूत मारी जाए।
अब में उसकी चूत से लंड को बाहर निकालकर पलंग पर लेट गया और मैंने अपने लंड को सीधा किया और फिर उससे कहा कि अब तुम मेरे लंड पर आकर बैठ जाओ। अब वो बहुत ही आराम से उठी और जैसा मैंने उसको कहा था वो वैसा ही करने लगी थी। दोस्त तब मुझे पहली बार पता चला कि इस आसन में चूत मारने का मज़ा ही कुछ और होता है, क्योंकि इस आसन में चुदाई करते समय जब पूरा लंड चूत के अंदर जाता है उस समय लड़की की जान निकल जाती है। दोस्तों पहले तो वो मेरे लंड पर बड़े ही आराम से बैठ गई और मेरा पूरा लंड उसने अपनी चूत के अंदर ले लिया और फिर कुछ देर वो वैसे ही रुकी रही। फिर अचानक से वो खुद ही धक्के देने लगी, मुझे अब और भी ज्यादा मज़ा आने लगा था और में भी नीचे से उसको धक्के देने लगा था और वो भी ऊपर से धक्के दे रही थी। फिर कुछ देर बाद मुझे लगा कि में अब झड़ने वाला हूँ इसलिए मैंने जोश में आकर उसकी गीली चूत में और भी ज़ोर ज़ोर से धक्के देने शुरू कर दिए। जैसे ही में झड़ने वाला था, मैंने उसको पकड़कर लेटा दिया। अब में उसके ऊपर चढकर बैठ गया और अपने लंड को हाथ में लेकर में उसके बूब्स के ऊपर ही झड़ गया। मैंने अपना पूरा वीर्य दोनों बूब्स पर निकाल दिया।
अब में थककर उसके पास ही लेट गया और फिर उसने अपने दोनों बूब्स को एक कपड़े से साफ किया और वो भी मेरे पास ही लेट गई। दोस्तों हम दोनों करीब तीस मिनट तक आराम से लेटे रहे उसके बाद में उठा और दोबारा से में उसके होंठो को चूमने लगा। बहुत देर तक दोनों होंठो को चूमने के बाद मेरा लंड दोबारा से तनकर खड़ा हो गया। अब मैंने उसको अपने सामने उल्टा लेटाकर उसकी गांड भी मारी और यह मज़े लेने का काम इस तरह रात के तीन बजे तक चलता रहा। फिर उसके बाद हम दोनों बहुत ज्यादा थककर वैसे ही पूरे नंगे सो गये और जब में सुबह और मैंने उसकी तरफ देखा तो अब उससे ठीक तरह से चला भी नहीं जा रहा था, इसलिए वो बड़ी ही मुश्किल से नीचे गयी थी। दोस्तों फिर हमारी उस पहली बार की चुदाई के बाद हम दोनों को जब भी कोई अच्छा मौका मिलता हम चुदाई का वो खेल खेलते है और हम दोनों के बीच ऐसा पूरे एक साल तक चला। फिर एक बार उसकी माँ को हमारी चुदाई वाली बात के बारे में पता चल गया और इस वजह से उसकी माँ ने बिना देर किए उसकी शादी तुरंत ही कहीं करके उसको अपने ससुराल रवाना कर दिया और उसके चले जाने के बाद में अकेला ही रह गया ।।
धन्यवाद …